आप अपने को असुंदर न समझें-डॉ आनंद प्रदीक्षित
क्या करें वे जो शारीरिक रूप से सुंदर नहीं हैं
डॉ आनंद प्रदीक्षित
अगर कोई प्रेम, गालों के डिंपल या होठों पर तिल या खूबसूरत आंखों या बोलने के ढंग, आवाज चाल या किसी और भौतिक वस्तु से होता है तो वह प्रेम नहीं है आकर्षण है। और टिकाऊ प्रेम तो बिल्कुल नहीं है ।यह सब शारीरिक सौंदर्य आदि भी प्रेम में बहुत निर्धारक तत्व हैं किंतु केवल यही तो नहीं होने चाहिए ।हम किसी से प्रेम करें तो उसके समग्र व्यक्तित्व से प्रेम करें ।वह व्यक्ति है तो व्यक्तित्व तो होगा ही और यदि व्यक्तित्व का हमें पता नहीं है तो प्रेम करने में सावधानी बरतनी चाहिए और एकदम से नहीं करना चाहिए। पहले हम व्यक्तित्व को जाने ,शरीर को तो सभी जान जाते हैं ,शरीर बहुत आकर्षित करता है और यदि अन आकर्षक शरीर है तो जल्दी कोई व्यक्तित्व को जानने के लिए आगे ही नहीं बढ़ता। चाहे जितना खूबसूरत व्यक्तित्व हो लोग उसके करीब नहीं आते क्योंकि शरीर ने खींचा नहीं अगला खिंचा नहीं ।व्यक्तित्व तक पहुंचा नहीं तो प्रेम होगा नहीं। इस संसार में बहुत से लोग ऐसे हैं जो एकदम से आकर्षित नहीं कर पाते इसीलिए वह बहुत बार प्रेम को तरसते रह जाते हैं क्योंकि शारीरिक आकर्षण वह गेट पास है जो व्यक्तित्व के महल में प्रवेश करने के लिए काम आता है। बहुत दुर्लभ होते हैं वे व्यक्ति जो शारीरिक आकर्षण ना पाकर भी किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व से बंध जाते हैं और उसे प्रेम करने लगते हैं ।यही प्रेम शाश्वत होता है क्योंकि यह किसी आकर्षण का मोहताज नहीं ,लेकिन यह बहुत कठिन होता है कि हमारा मन जिसे शारीरिक रूप से पसंद ना कर रहा हो हम उसके मन की तह तक पहुंचे। इसके लिए कुछ बड़ी घटनाएं जीवन में होनी आवश्यक हैं जिससे हम उस व्यक्ति के मन की गहराइयों तक पहुंच सके और और उसे जान सके ऐसी घटनाएं फिल्मों और सीरियलों में होती है आम जिंदगी में बहुत कम होती हैं। इसलिए बहुत से लोग शारीरिक सामान्यता के कारण अथवा अत्यंत साधारण रंग रूप के कारण अपने व्यक्तित्व का इजहार नहीं कर पाते और लोग उनसे आकर्षित नहीं हो पाते अतः लोग उनके मन तक नहीं पहुंच पाते जो कि एक निर्मल सागर की भांति लहरा रहा है,जिस में डूब कर कोई भी व्यक्ति अपने को धन्य महसूस कर सकता है ।
🍏ऐसे सभी लोगों से मेरा कहना है कि वे अपने व्यक्तित्व के भौतिक पक्ष को यथासंभव निखारे किंतु अपनी कलाओं को संसार के सामने प्रस्तुत करें ।अपनी भावनाओं को कविता कहानियों शायरी यूट्यूब चैनल आदि के माध्यम से प्रस्तुत करें। फेसबुक पर अपने को बेहतर तरीके से कलात्मक रूप से एक्सप्रेस करें ।शार्ट वीडियोस के द्वारा लोगों को अपनी कला से परिचित कराएं। विश्वास कीजिए रंगरूप पीछे रह जाएगा और कला लोगों को प्रभावित करेगी ।ऐसे में कोई ना कोई वह मिलेगा जो शरीर के पार देख सकता है। उनके मन के गहरे सागर में उतर सकता है ।प्रेम की प्राप्ति ऐसे में हो सकती है ।यह मैं उन युवाओं से कह रहा हूं जो अपने साधारण शरीर को लेकर कुंठित हो जाते हैं और कुछ नहीं कर पाते कुंठा में जीवन बिताते हैं कि वह सुंदर नहीं है। सच में वास्तविकता यह है कि वह अपनी प्रतिभाओं को प्रदर्शित नहीं कर पा रहे हैं।
याद रखें ईश्वर यदि कोई गुण आपको नहीं देता है तो बहुत से गुण आपको दे देता है ,जरूरत है निकालने की। उन्हें निकालिए और संसार के सामने लाइए। एक अच्छे प्रोफेशनल बनिये। व्यापारी बनिये। खिलाड़ी अथवा अधिकारी नानिये।
दुनिया आपको सलाम करेगी और प्रेम निश्चित रूप से मिल जाएगा जो कि स्थाई होगा और ऐसा होगा जो शायद बहुत सुंदर शरीर वालों को न मिल सके क्योंकि उन्हें बहुत जल्दी में किया गया प्रेम मिलता है
देखभाल के किया गया प्रेम उन्हें नसीब नहीं होता।
कुंठित न हों ,आप बहुत अच्छे हैं ,विश्वास कीजिये