13.5.21 कुछ और समाचार
🛑केंद्र सरकार ने 12 मई 2021 को अत्याधुनिक रसायन सेल (एसीसी) बैटरी के विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिये 18,100 करोड़ रुपये के अनुमानित व्यय की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को मंजूरी दे दी. भारी उद्योग मंत्रालय ने इस योजना का प्रस्ताव रखा था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना “राष्ट्रीय उन्नत रसायन बैट्री भंडारण कार्यक्रम” को मंजूरी दे दी है. इस योजना के तहत पचास (50) गीगावॉट ऑवर्सऔर पांच गीगावॉट ऑवर्स की “उपयुक्त” एसीसीबैट्री की निर्माण क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य है. विदित हो कि गीगावॉट ऑवर्स का अर्थ एक घंटे में एक अरब वॉट ऊर्जा प्रति घंटा निर्माण करना है. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय उन्नत रसायन सेल (एसीसी) बैट्री भंडारण कार्यक्रम को मंजूरी दी गयी है. इससे 45,000 करोड़ रुपये का विदेशी और घरेलू निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है. नीति का मकसद विनिर्माताओं को वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाना, निर्यात को बढ़ावा देना, व्यापक स्तर पर उत्पाद के जरिये पैमाने की मितव्ययिता हासिल करना तथा अत्याधुनिक उत्पाद का विनिर्माण करना है. आधिकारिक बयान के अनुसार एसीसी नई पीढ़ी की अत्याधुनिक भंडारण प्रौद्योगिकी है. इसके जरिये बिजली को इलेक्ट्रोकेमिकल या फिर रसायनिक ऊर्जा के रूप में भंडारित किया जा सकता है. बाद में जरूरत पड़ने पर इलेक्ट्रिक ऊर्जा में तब्दील किया जा सकता है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह जलवायु परिवर्तन, हरित वृद्धि, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लिये काफी फायदेमंद पहल है. यह विदेशी के साथ-साथ घरेलू निवेश लाएगा और रोजगार के अवसर सृजित करेगा. एसीसी बैट्री भंडारण निर्माता का चयन एक पारदर्शी प्रतिस्पर्धात्मक बोली प्रक्रिया के जरिये किया जायेगा. निर्माण इकाई को दो वर्ष के भीतर काम चालू करना होगा. प्रोत्साहन राशि को पांच वर्षों के दौरान दिया जायेगा. योजना के अंतर्गत एसीसी बैट्री निर्माण से विद्युत चालित वाहन (ईवी) को प्रोत्साहन मिलेगा और पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी. इससे 2 से 2.50 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी.
🛑चीन के जनसंख्या विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जल्द ही दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाला देश बन सकता है. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का अनुमान है कि भारत साल 2027 तक चीन को पीछे छोड़कर दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाला देश बन जाएगा. चीनी विशेषज्ञों का अनुमान है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा किए गए आकलन से पहले ही यह स्थिति आ सकती है. चीन में पिछले कुछ सालों में जन्म दर में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है. संयुक्त राष्ट्र ने साल 2019 में अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत की जनसंख्या में अब से लेकर साल 2050 के बीच लगभग 27 करोड़ 30 लाख लोगों की बढ़ोत्तरी होने की संभावना है.
संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट में पूर्वानुमान जताया गया था कि भारत साल 2027 तक चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान सदी के अंत तक भारत सर्वाधिक आबादी वाला देश बना रहेगा. संयुक्त राष्ट्र ने साल 2019 में भारत की आबादी लगभग 1.37 अरब और चीन की आबादी 1.43 अरब होने का अनुमान लगाया था.
चीन की आबादी 2019 की तुलना में 0.53 प्रतिशत बढ़कर 1.41178 अरब हो गई है. हालांकि देश में जनसंख्या वृद्धि की यह दर सबसे धीमी है. साल 2019 में आबादी 1.4 अरब थी. चीन का सबसे ज्यादा आबादी वाले देश का दर्जा अब भी बरकरार है. हालांकि अधिकारिक अनुमान के अनुसार अगले साल तक इस संख्या में गिरावट आ सकती है. चीन का सबसे ज्यादा आबादी वाले देश का दर्जा अब भी बरकरार है. हालांकि अधिकारिक अनुमान के अनुसार अगले साल तक इस संख्या में गिरावट आ सकती है और जिससे श्रमिकों की कमी हो सकती है और उपभोग स्तर में भी गिरावट आ सकती है. ऐसे में भविष्य में देश के आर्थिक परिदृश्य पर भी इसका असर होगा.