13.5.21 समाचार
जागरण जोश से साभार
🛑08 मई, 2021 को असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ ने असम राज्य में एक डिजिटल रियल-टाइम फ्लड रिपोर्टिंग और सूचना प्रबंधन प्रणाली (FIRMS) का शुभारंभ किया. FRIMS के शुभारंभ के साथ, असम भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसके पास ऑनलाइन बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली है. ब्रह्मपुत्र नदी के बहाव के साथ, असम हर साल भयंकर बाढ़ और मिट्टी के अपरदन का शिकार होता है. FRIMS, एक डिजिटल वास्तविक समय (रियल टाइम) बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली, असम राज्य आपदा प्रबंधन एजेंसी (ASDMA) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई है. इस डिजिटल लॉन्च कार्यक्रम के दौरान, मुख्य सचिव बरुआ ने यह कहा कि, बाढ़ का प्रबंधन एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्य है जिसमें विभिन्न विभाग और हितधारक शामिल हैं. उन्होंने आगे यह भी कहा कि, बाढ़ रिपोर्टिंग की मौजूदा प्रणाली मैनुअल/ दस्ती सत्यापन और गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली के कारण समय लेने वाली थी. यूनिसेफ इंडिया चीफ, इमरजेंसी एंड डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (DRR), टॉम व्हाइट ने असम सरकार को डिजिटल बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली का इस्तेमाल करने वाला पहला राज्य बनने के लिए बधाई दी है और आगे यह कहा है कि, "इस तरह की प्रणाली आपदा जोखिम न्यूनीकरण हस्तक्षेप के प्रभाव को मापने में काफी मददगार साबित होगी."
राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव, अविनाश जोश ने यह कहा कि, डिजिटल बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली परिभाषित स्तरों पर तत्काल अलर्ट-आधारित सत्यापन, स्रोत पर इन्फोर्मेशन फीडिंग और स्वचालित संकलन को सक्षम करेगी. ASDMA के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जीडी त्रिपाठी ने यह उल्लेख किया कि, फील्ड स्टाफ और अधिकारियों ने आवश्यक प्रशिक्षण पूरा कर लिया है. असम में हर साल 15 मई से 15 अक्टूबर तक अनिवार्य बाढ़ रिपोर्टिंग प्रोटोकॉल होता है. • बाढ़ रिपोर्टिंग और सूचना प्रबंधन प्रणाली (FRIMS) असम में शुरू की गई एक डिजिटल वास्तविक समय बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली है. • असम एक डिजिटल बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली को अपनाने वाला ऐसा पहला भारतीय राज्य बन गया है जो मौजूदा मैनुअल बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली को बदल देगा. • FRIMS असम राज्य आपदा प्रबंधन एजेंसी (ASDMA) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है. • FRIMS इस 15 मई से चालू हो जाएगा. यह प्रणाली परिभाषित स्तरों पर तत्काल अलर्ट-आधारित सत्यापन, स्रोत पर सूचना फीडिंग, और स्वचालित संकलन को सक्षम करेगी.
🛑अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस 2021: हर साल 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस (International Nurses Day 2021) मनाया जाता है. यह दिन हर साल फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिन की वर्षगांठ के तौर पर मनाया जाता है. आज दुनियाभर के ज़्यादातर देश कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस, इस भयंकर महामारी के बीच, ख़ास महत्व रखता है. अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस समाज में नर्सों के योगदान का जश्न मनाता है. नर्सों के साहस और सराहनीय कार्य को देखते हुए विश्वभर में 12 मई को इंटरनेशनल नर्स डे मनाया जाता है. इस महामारी के दौर में भी नर्सेज अपनी जान की परवाह किए बिना तन-मन से सेवा कर जान बचा रही हैं. फ्लोरेंस नाइटिंगेल को विश्व की पहली नर्स कहा जाता है. उन्होंने क्रीमियन युद्ध के दौरान लालटेन लेकर घायल ब्रिटिश सैनिकों की देखभाल की थी. इस वजह से इन्हें लेडी विद द लैंप भी कहा गया. नर्स अपनी परवाह किए बिना मरीज की तन-मन से सेवा कर उनकी जान बचाती है. अपने घर और परिवार से दूर रहकर मरीजों की दिन रात सेवा करती है. नर्सों के साहस और सराहनीय कार्य के लिए यह दिवस मनाया जाता है. नर्सों के काम को समझना, समाज में अधिक लोगों को इस पेशे के लिए प्रोत्साहित करना और सम्मान देना इस दिन का मुख्य उद्देश्य है. नर्स अस्पतालों और क्लीनिकों की रीढ़ की हड्डी होती हैं, जो अपनी जान जोखिम में डालकर मरीज़ो की देखभाल करती हैं.
इस साल के अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस की थीम 'नेतृत्व के लिए एक आवाज: भविष्य के स्वास्थ्य के लिए दृष्टि' है. कोविड-19 महामारी से लड़ने में नर्सें सबसे आगे हैं. डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की तरह, नर्स लगातार बिना ब्रेक के काम कर रहे मरीजों की देखभाल कर रही हैं. अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग की एक अधिकारी डोरोथी सुदरलैंड ने पहली बार नर्स दिवस मनाने का प्रस्ताव 1953 में रखा था. पहली बार इसे साल 1965 में मनाया गया था. जनवरी 1974 में 12 मई को अंतरराष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की गई. इसी दिन यानी 12 मई को आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटिंगेल का जन्म हुआ था. उनके जन्मदिन को ही अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया. साल 1965 से अभी तक यह दिन हर साल इंटरनैशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज द्वारा अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है. 🛑असम के मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ ने असम राज्य में एक डिजिटल रियल-टाइम फ्लड रिपोर्टिंग और सूचना प्रबंधन प्रणाली (FIRMS) का शुभारंभ किया. FRIMS के शुभारंभ के साथ, असम भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसके पास ऑनलाइन बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली है. यूनिसेफ इंडिया चीफ, इमरजेंसी एंड डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (DRR), टॉम व्हाइट ने असम सरकार को डिजिटल बाढ़ रिपोर्टिंग प्रणाली का इस्तेमाल करने वाला पहला राज्य बनने के लिए बधाई दी है और आगे यह कहा है कि इस तरह की प्रणाली आपदा जोखिम न्यूनीकरण हस्तक्षेप के प्रभाव को मापने में काफी मददगार साबित होगी. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोना का B.1.617 वैरिएंट पिछले साल अक्टूबर महीने में भारत में पाया गया था, जो अब WHO के सभी 6 क्षेत्रों के 44 देशों में पाया गया है. भारतीय वैरिएंट अब तक 4500 से ज्यादा सैंपल्स में मिल चुका है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत के बाहर इस वैरिएंट से संक्रमण के सर्वाधिक मामले यूनाइटेड किंगडम में सामने आए हैं.
इससे पहले इस लिस्ट में ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में मिले कोविड-19 के अन्य वैरिएंट्स का नाम शामिल था. इन वैरिएंट्स वास्तविक रूप से ज्यादा खतरनाक माना गया था. क्योंकि वे या तो तेजी से फैल सकते हैं या वैक्सीन सुरक्षा से बचकर निकलने में भी सक्षम हैं. यह वेरिएंट वायरस के ओरिजिनल वेरिएंट की तुलना में अधिक आसानी से फैल रहा है. मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि हम ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की तरफ से जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए आमंत्रण की सराहना करते हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह फैसला किया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी जी-7 सम्मेलन में व्यक्तिगत तौर पर मौजूद नहीं रहेंगे. यह सम्मेलन ब्रिटेन के कॉर्नवाल में 11 मई से 13 जून तक चलेगा. इस जी-7 समूह में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है. इसे ग्रुप ऑफ सेवन भी कहते हैं. हर एक सदस्य देश बारी-बारी से इस ग्रुप की अध्यक्षता करता है. मंत्रालय ने कहा कि पंजाब, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव ने भी 75 प्रतिशत ग्रामीण घरों को नल के पानी की आपूर्ति देकर इसे मील का पत्थर साबित कर लिया है. 34.73 लाख में से पंजाब के 26.31 लाख घरों (76 प्रतिशत) में नल द्वारा पानी की आपूर्ति है. कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के बावजूद, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन 2024 को कार्यान्वित किया जा रहा है. इसके तहत साल 2024 तक हर ग्रामीण घर में नियमित तौर पर पर्याप्त मात्रा में निर्धारित गुणवत्ता वाले जल की सप्लाई सुनिश्चित करने का लक्ष्य है.
🛑10 मई, 2021 को क्षुद्रग्रह/ एस्टेरोइड बेन्नु से नमूने एकत्र करने के बाद नासा के OSIRIS-REx अंतरिक्ष यान ने अपना 2 साल का ऐतिहासिक मिशन शुरू किया. यह नासा का पहला एस्टेरोइड सैंपल वापसी मिशन है और यह पृथ्वी के निकट के एस्टेरोइड बेन्नु से एकत्रित सामग्री की प्रचुर राशि लेकर पृथ्वी पर वापस आ रहा है. यह 4.5 बिलियन साल पुराना गगनचुंबी आकार का एस्टेरोइड, बेन्नु पृथ्वी से लगभग 320 मिलियन किमी दूर है. पिछले साल इस एस्टेरोइड की सतह से मलबे को इकट्ठा करने से पहले, नासा का OSIRIS-REx अंतरिक्ष यान वर्ष, 2018 में एस्टेरोइड बेन्नु तक पहुंच गया था और इस यान ने बेन्नु एस्टेरोइड के पास और इसके ईर्द-गिर्द उड़ान भरने में दो साल बिताए थे. • दोपहर 4:16 बजे ET, कोलोराडो में लॉकहीड मार्टिन में OSIRIS-REx नियंत्रण कक्ष को अंतरिक्ष यान से संकेत मिला कि इसने बेन्नु के चारों ओर स्थापित कक्षा से खुद को हटाने के लिए थ्रस्टरों को निकाल दिया है. • यह अंतरिक्ष यान वर्तमान में 600 मील प्रति घंटे से अधिक गति से बेन्नु से दूर जा रहा है और 24 सितंबर, 2023 को इसके पृथ्वी पहुंचने और उटाह टेस्ट एंड टेस्टिंग रेंज में सैंपल देने की उम्मीद है. नासा का OSIRIS-REx वर्तमान में पृथ्वी से 291 मिलियन मील दूर है. पृथ्वी पर वापिस लौटने और सैंपल्स प्रदान करने के लिए, यह दो बार सूर्य की परिक्रमा और 1.4 बिलियन मील की दूरी तय करेगा.
• इस OSIRIS-REx अंतरिक्ष यान को सितंबर, 2016 में फ्लोरिडा में केप कैनावेरल से लॉन्च किया गया था. इस अंतरिक्ष यान का नाम OSIRIS-REx ओरिजिन, स्पेक्ट्रल इंटरप्रिटेशन, रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन, सिक्योरिटी, रेजोलिथ एक्सप्लोरर है. • यह पृथ्वी के निकट के एस्टेरोइड का पहला नासा मिशन था और बेन्नु ऐसी सबसे छोटी वस्तु भी बन गया है जिसकी किसी अंतरिक्ष यान द्वारा परिक्रमा की गई है. • सबसे पहले OSIRIS-REx दिसंबर, 2018 में बेन्नु के नज़दीक आया था. • इसके बाद, 20 अक्टूबर, 2020 को इस अंतरिक्ष यान ने ऐतिहासिक टच-एंड-गो सैंपल/ नमूना संग्रह किया. • बेन्नु का अंतिम फ्लाईबाय (निकट से उड़ान) अप्रैल में सर्वेक्षण करने के लिए आयोजित किया गया था कि, कैसे OSIRIS-REx ने सैंपल संग्रह के दौरान इस एस्टेरोइड की सतह को अस्तव्यस्त और बदल दिया. After nearly 5 years in space, @NASASolarSystem's #OSIRISREx mission is heading to Earth with a sample of rocks & dust from a 4.5-billion-year-old asteroid! 🪨 ▪️▪️▪️🛰️▪️▪️▪️ 🌎 Check out how its mission #ToBennuAndBack exceeded our expectations: https://t.co/91n38cmQNA pic.twitter.com/bxtT0uXeu3 • इन सैंपल्स का अध्ययन हमारे सौर मंडल के गठन और इतिहास के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाएगा और इसके साथ ही पृथ्वी जैसे रहने योग्य ग्रहों को विकसित करने में इन क्षुद्रग्रहों की भूमिका के बारे में भी अध्ययन किया जायेगा. • वैज्ञानिकों का यह मानना है कि, बेन्नु जैसे एस्टेरोइड पृथ्वी के गठन के दौरान, शुरू-शुरू में ही पृथ्वी से टकरा गए थे, जिससे पृथ्वी पर पानी जैसे तत्व वितरित हो गए थे. • बेन्नू अपोलो समूह में एक कार्बोनेशियस एस्टेरोइड है, जिसे 11 सितंबर, 1999 को LINEAR परियोजना द्वारा खोजा गया था. • इसे संभावित खतरनाक वस्तु के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है, क्योंकि इसके द्वारा वर्ष, 2175 और वर्ष, 2199 के बीच पृथ्वी को प्रभावित करने का 2,700 में से 01 संचयी मौका है. • इस एस्टेरोइड का नाम प्राचीन मिस्र के पौराणिक पक्षी - बेन्नु के नाम पर रखा गया है, जो सूर्य, सृष्टि और पुनर्जन्म से जुड़ा है.