NASA की खबर
Updated: Apr 25, 2021
धरती से सात माह की यात्रा कर 18 फरवरी को मंगल ग्रह पर पहुंचे पर्सिवरेंस रोवर ने यह अभूतपूर्व खोज करते हुए टोस्टर के आकार के मॉक्सी उपकरण ने 5 ग्राम ऑक्सीजन का उत्पादन किया. नासा के अनुसार यह ऑक्सीजन एक अंतरिक्ष यात्री के 10 मिनट के सांस लेने के बराबर है. यह पहली बार के पृथ्वी के बाहर किसी दूसरे ग्रह पर सांस लेने योग्य ऑक्सीजन का निर्माण हो सका है. नासा का मकसद साल 2033 तक मंगल पर मानव को पहुंचाने का है और वह यहां आने वाली इससे संबंधित तमाम चुनौतियों से निपटने की तैयारी कर रहा है. इसमें से एक चुनौती मंगल ग्रह पर ऑक्सीजन का निर्माण करना होगा क्योंकि पृथ्वी से आठ माह के सफर में मंगल ग्रह तक इतनी बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन ले जाना संभव नहीं होगा. यह उपकरण इलेक्ट्रोलायसिस पद्धति का उपयोग कर असीम ऊष्मा का उपयोग कर कार्बन जाइऑक्साइड से कार्बन और ऑक्सीजन को अलग करता है. मंगल पर इस गैस की कमी नहीं है क्योंकि वहां का 95 प्रतिशत वायुमंडल इसी से बना है. जबकि वहां के वायुमंडल का 5 प्रतिशत हिस्सा नाइट्रोजन और ऑर्गन से बना है और ऑक्सीजन बहुत ही कम मात्रा में है.